Balwan Singh

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Balwan Singh

Balwan Singh (Naik), Sena Medal, is a Martyr of Kargil war from Haryana. He was from Jindran village in Rohtak district of Haryana. He became martyr on 05 July 1999 during Operation Vijay in Kargil War. Unit-17 Jat Regiment.

जीवन परिचय

नायक बलवान सिंह

सेना मेडल (मरणोपरांत)

यूनिट - 17 जाट रेजिमेंट

ऑपरेशन विजय

कारगिल युद्ध 1999

नायक बलवान सिंह हरियाणा के रोहतक जिले के जिंदरान कलां गांव के रहने वाले थे। उन्हें बाल्यकाल से ही सैन्य वर्दी पहनने की प्रबल अभिलाषा थी। 8 वीं कक्षा उत्तीर्णता करके वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हो गए थे।

ऑपरेशन विजय में 05 जुलाई 1999 को नायक बलवान सिंह D कंपनी के प्रमुख सेक्शन कमांडर के कर्तव्यों का पालन कर रहे थे। डेल्टा कंपनी को व्हेलबैक पर कब्जा करने का काम सौंपा गया था। व्हेलबैक पर एक साहसी हमले में दुश्मन संगर पर कब्जा करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें तीन दुश्मन सैनिक मारे गए थे।

नायक बलवान सिंह ने संगर पर कब्जा करने के बाद भारतीय तोपखाने की भीषण बमबारी से मारे गए सिरविहीन मृत पाकिस्तानी सैनिकों को देखा था। एक मृत सैनिक बटुए को पकड़े हुए था जो शायद परिवार की तस्वीर देख रहा था और मारा गया। एक घायल पाकिस्तानी मार देने की गुहार लगा रहा था ताकि उसका परिवार शहीद मुआवजे का दावा कर सके जिससे उसके परिवार का भरण पोषण हो सके। एक अन्य पाकिस्तानी का शव हथियारों के ढेर में पूरी तरह उलझा हुआ था।

जब नायक बलवान सिंह भारतीय हताहतों की ओर मुड़े, तो इधर भी उतनी ही गंभीर स्थिति थी। कोई जवान दर्द से कराह रहा था, तो किसी का पेट बम के छर्रों से कट जाने से तत्काल मौत हो गई थी। कुछ लक्ष्य पर मृत पड़े थे।

नायक बलवान सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन अपनी चोटों के उपरांत वह लक्ष्य पर डटे रहे और दुश्मन के जवाबी हमले को विफल करने के बाद वीरगति को प्राप्त हुए।

इसके बाद पाकिस्तानियों द्वारा की जा रही भारी गोलाबारी के बीच इनके शव को लाने के लिए लांस नायक कृष्णलाल स्वेच्छा से आगे आए, कृष्णलाल भी भीषण गोलाबारी में वीरगति को प्राप्त हुए। इसके बाद लांस नायक विजय सिंह को इन दोनों के शवों को लाने के लिए आगे आए। लांस नायक विजय सिंह इनके शवों तक पहुंच भी गए थे। तभी दुश्मन तोपखाने के गोले बरसने लगते हैं, उनमें से एक गोला लगभग सीधे लांस नायक विजय सिंह पर गिरता है और वह भी वहीं बलिदान जाते हैं।

ये तीनों बलिदानी सैनिक रोहतक जिले के थे व इनके गांव पास पास ही थे व तीनों में मित्रता थी। नायक बलवान सिंह जिंदरान कलां गांव, लांस नायक कृष्णलाल टिटोली गांव व लांस नायक विजय सिंह कुंडू सुंदरपुर गांव के थे। ये तीनों आपस में घनिष्ट मित्र थे, तीनों सेना में एक ही रेजिमेंट में भर्ती हुए, एक ही मोर्चे पर एक ही स्थान पर एक ही समय वीरगति को प्राप्त हुए और तीनों के पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटे हुए एक ही दिन उनके गांवों में पहुंचे।

नायक बलवान सिंह के बलिदान को देश युगों युगों तक याद रखेगा।

शहीद को सम्मान

बाहरी कड़ियाँ

गैलरी

स्रोत

संदर्भ



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